रिपोर्ट के मुताबिक नए डामर मिश्रण से सड़कों को खुद से मरम्मत करने में सक्षम बनाया जाएगा.
100 लाख करोड़ रुपये के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इसमें निजी सेक्टर की कितनी भागीदारी होगी.